
नारीवादी दृष्टिकोण से सामाजिक बदलाव की ओर
प्रतिभागी सामाजिक आंदोलनों, संवैधानिक मूल्यों (जैसे न्याय, समानता, स्वतंत्रता, विविधता और धर्मनिरपेक्षता) और जेंडर, जाति, वर्ग, धर्म व यौनिकता से जुड़े मुद्दों को नारीवादी दृष्टिकोण से समझने और विश्लेषण करने में सक्षम बनेंगे, ताकि वे सामाजिक बदलाव की प्रक्रिया को गहराई से समझ सकें और उसमें सक्रिय भूमिका निभा सकें।
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प्रतिभागी यह समझेंगे कि सामाजिक आंदोलन क्यों होते हैं, इनमें जेंडर का क्या रोल होता है, और इनसे समाज में क्या बदलाव आते हैं।
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प्रतिभागी न्याय, समानता, स्वतंत्रता, विविधता और धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल्यों की गहराई से समझ बनाएंगे और इन्हें अपने जीवन से जोड़कर देख सकेंगे।
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प्रतिभागी जेंडर, जाति, वर्ग, धर्म और यौनिकता जैसे मुद्दों को नारीवादी दृष्टिकोण से समझना और विश्लेषण करना सीखेंगे।
- Facilitator: Lalita Lalita
- Facilitator: Chanchal Thakur